"Chahat Hindi Shayari is a beautiful collection of shayaris that express the deepest desires of the heart. Perfect for conveying feelings of love, longing, and passion, these shayaris capture the essence of affection in poetic form. Whether you’re in love or yearning for someone special, Chahat Hindi Shayari offers heartfelt words to express your emotions beautifully. Share these shayaris with your loved ones and let your feelings shine through in the most poetic way possible.
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बिन बात के ही रूठने की आदत है,
किसी अपने का साथ पाने की चाहत है,
आप खुश रहें मेरा क्या है मैं तो आइना हूँ,
मुझे तो टूटने की आदत है।
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हमारे बाद नहीं आएगा तुम्हें चाहत का,
ऐसा मज़ा तुम लोगों से कहते फ़िरोगे,
मुझे चाहो उस की तरह !
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तेरे ख़त की इबारत की मैं स्याही बन गया,
होता तो चाहत की डगर का मैं भी राही,
बन गया होता !
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तुझे देखे बिना तेरी तस्वीर बना सकता हूँ,
तुझसे मिले बिना तेरा हाल बता सकता हूँ,
है मेरी दोस्ती में इतना दम तेरी आँख का
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महफ़िल में गले मिल के वो धीरे से कह,
गए ये रस्म-ए-अंजुमन है चाहत का गुमाँ,
न कर।
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उनकी चाहत में हम कुछ यूँ बँधे है,
वो साथ भी नही और हम अकेले भी,
नही !
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तेरी चाहत मे हम जमाना भूल गये,
किसी और को हम अपनाना भूल गये,
तूम से मोहब्बत हे साारे जहान को,
बताया बस एक तूझे ही बताना भूल गये !
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चाहत बन गये हो तुम या आदत बन गये,
हो तुम हर सांस में यू आते जाते हो जैसे,
मेरी इबादत बन गये हो तुम।
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कैसी गहराई है तेरी चाहत में और मेरी,
मोहब्बत में न डूबा हूँ अब तक न सतह,
की कोई उम्मीद नज़र आती है !
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मज़ा आ जाए गर हो जाए इतना अबकी,
बारिश में हमारी चाहत के आँसू तुम्हारी,
छत पे जा बरसे !
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हमारी गलतियों से कही टूट न जाना,
हमारी शरारत से कही रूठ न जाना,
तुम्हारी चाहत ही हमारी जिंदगी हैं,
इस प्यारे से बंधन को भूल न जाना।
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ढूढने चला था एक शख्स की चाहत,
खुद को भी खो दिया उसकी मोहब्बत मे !
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सिलसिला ये चाहत का दोनो तरफ से था,
वो मेरी जान चाहती थी और मैं जान से,
ज्यादा उसे !
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कोई चाहत की बात करता है,
तो कोई चाहने की हम दोनोँ आज़मा,
के बैठे हैँ ना चाहत मिली ना तो चाहने वाले !
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बहुत गुमनाम से है चाहत के रास्ते,
तू भी लापता मैं भी लापता !
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बड़े अजीब से हो गए रिश्ते आजकल,
सब फुरसत में हैं पर वक़्त किसी के,
पास नही !
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तेरे ख़ातिर हम ने सारी दुनिया को भुला,
दिया तू ने तो दुनिया के लिए अपने सच्चे,
चाहने वाले को ही भुला दिया कुछ न,
कहा खामोशी से मेरा हाथ छोड़ दिया,
हस्ते-हस्ते तू ने मुझे रुला दिया।
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चिरागों से अगर अँधेरा दूर होता,
तो चांदनी की चाहत क्यूँ होती,
कट सकती अगर ये ज़िन्दगी अकेले,
तो साथी की जरूरत ही क्यूँ होती !
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आज हम हैंए कल हमारी यादें होंगी,
जब हम ना होंगेए तब हमारी बातें होंगी,
कभी पलटो गे जिंदगी के ये पन्ने,
तो शायद आप की आँखों से भी,
बरसातें होंगी !
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मिलने की चाहत भी थी,
ज़माने का डर भी था,
शिकायत दुनिया से थी,
साथ में तुझे खोने का डर भी था।
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वादे वफ़ा के और चाहत जिस्म की,
अगर ये मोहब्बत है तो फिर हवस किसे,
कहते है !
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बहुत कुछ बदला हैं मैने अपने आप में,
लेकिन तुम्हें वो टूट कर चाहने की,
आदत अब तक नहीं बदली !
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एक ख्वाब एक ख्याल एक हकीक़त है तू,
जिंदगी में पाने वाली हर ज़रूरत है तू,
जिसको रोज़ प्यार करने का दिल करे,
अरे यार वही प्यारी सी चाहत है तू !
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तेरी चाहत के सिवा अब ना कोई आरज़ू,
रही तू रहा तेरी ख़्वाहिश रही और बस,
तेरी आशिकी रही !
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कई बार ये सोच के दिल मेरा रो देता है की,
मुझे ऐसा क्या पाना था जो मैंने खुद को,
भी खो दिया !
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अगर दुनिया में जीने की चाहत ना होती,
तो खुदा ने मोहब्बत बनाई ना होती,
लोग मरने की आरज़ू ना करते,
अगर मोहब्बत में बेवाफ़ाई ना होती !
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तुम्हारी पसन्द हमारी चाहत बन जाये,
तुम्हारी मुस्कुराहट दिल की राहत बन जाये,
खुदा खुशियो से इतना खुश कर दे आपको,
की आपकी ख़ुशी देखना हमारी आदत बन जाये।
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ऐ सुनो तुम इतने भी अच्छे नही हो,
बस मेरे चाहत-ए-दिल ने सिर पर,
चढा रखा है !
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मैं कुछ लिखू और तेरा ज़िक्र न हो,
वो तो मेरी चाहत की तौहीन होगी !
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एक चाहत होती है जनाब अपनों के,
साथ जीने की वरना पता तो हमें भी,
है कि ऊपर अकेले ही जाना है।
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वो शमा की महफ़िल ही क्या जिसमे,
दिल खाक ना हो मज़ा तो तब है चाहत,
का जब दिल तो जले पर राख ना हो।
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नुमाइश करने से चाहत बड़ नहीं जाती,
मोहब्बत वो भी करते हैं जो इजहार नही,
करते।
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तुम खुद उलझ जाओगे मुझे गम देने,
की चाहत में मुझमें हौसला बहुत है,
मुस्कुराकर निकल जाऊगा !
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तेरे हर ग़म को अपनी रूह में उतार लूँ,
ज़िंदगी अपनी तेरी चाहत में सवार लूँ,
मुलाक़ात हो तुझसे कुछ इस तरह मेरी,
सारी उम्र बस एक मुलाक़ात में गुज़ार लूँ।
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रिश्तों से बड़ी चाहत और क्या होगी,
दोस्ती से बड़ी इबादत और क्या होगी,
जिसे दोस्त मिल सके कोई आप जैसा,
उसे ज़िंदगी से कोई और शिकायत,
क्या होगी।
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तेरी चाहत तो मुक़द्दर है मिले न मिले,
राहत ज़रूर मिल जाती है तुझे अपना,
सोच कर !
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इतना भी ना चाहो किसी को वो चला,
जाए और ज़िन्दगी बेरंग और गुमनाम,
हो जाए !
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दिल के रिश्ते का कोई नाम नहीं होता,
हर रास्ते का मुक़ाम नहीं होता,
अगर निभाने की चाहत हो दोनों तरफ,
तो क़सम से कोई रिश्ता नाक़ाम नहीं होता !
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अनजाने में तुझसे मुलाकात सी हो गयी,
दोस्ती करने चले थे और तुझसे चाहत,
सी हो गयी अपने वजूद में तुझे तलाश,
करते है हमे तुमसे मोहब्बत सी हो गयी !
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जब आप किसी को चाहो तो ऎ मत,
सोचो की वो आप को पसंद करता है,
की नही बस उसॆ इतना चाहो की उसॆ,
आप कॆ सिवा किसी और की चाहत,
पसंद ही ना आए।
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अगर तुम समझ पाते मेरी चाहत की,
इन्तहा तो हम तुमसे नही तुम हमसे,
मोहब्बत करते !
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मोहब्बत मुझे थी उसी से सनम,
यादों में उसकी यह दिल तड़पता रहा,
मौत भी मेरी चाहत को रोक न सकी,
कब्र में भी यह दिल धड़कता रहा।
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मेरा वजूद मिट रहा है इश्क़ में तेरे,
अब यह ना कहना की जिस्म की,
चाहत है मुझे !
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प्यार वो हम को बेपनाह कर गये,
फिर ज़िन्दगी में हम को तन्नहा कर गये,
चाहत थी उनके इश्क में फ़नाह होने की,
पर वो लौट कर आने को भी मना कर गये।
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उतर के देख मेरी चाहत की गहराई में,
सोचना मेरे बारे में रात की तन्हाई में,
अगर हो जाए मेरी चाहत का एहसास,
तो मिलेगा मेरा अक्स तुम्हे अपनी,
ही परछाई में !
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तेरे गम को अपनी रूह में उतार लूँ,
जिन्दगी तेरी चाहत में सवार लूँ,
मुलाकात हो तुझ से कुछ इस तरह,
तमाम उमर बस इक मुलाकात में,
गुजार लूँ।
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सीख जाओ वक्त पर किसी की चाहत,
की कदर करना कहीं कोई थक ना,
जाये तुम्हें एहसास दिलातें दिलाते !
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मेरी चाहत ने उसे खुशी दे दी बदले में,
उसने मुझे सिर्फ खामोशी दे दी खुदा से,
दुआ मांगी मरने की लेकिन उसने भी,
तड़पने के लिए जिन्दगी दे दी !
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मेरे दिल मे तेरी चाहत बस जाए बन के,
धड़कन पल भर ना भूल पाऊ ऐसी,
तड़प जगा दे !
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तेरी चाहतो पर मुझे ऐतबार है,
इसलिए मुझे तुमसे खुद से ज्यादा प्यार है !
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कभी उसने भी हमें चाहत का पैगाम लिखा था,
सब कुछ उसने अपना हमारे नाम लिखा था,
सुना है आज उनको हमारे जिक्र से भी नफ़रत है,
जिसने कभी अपने दिल पर हमारा नाम लिखा था।
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प्यार है मुझसे तो सारी खुशियाँ समेट लो मेरी,
गमों का क्या है ये चाहत से खुशियों,
में बदल जायेंगे !
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चाहत वो नहीं जो जान देती है,
चाहत वो नहीं जो मुस्कान देती है,
ऐ दोस्त चाहत तो वो है जो पानी में,
गिरा आंसू पहचान लेती हैं !
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किसी की चाहत मे इतने पागल ना हो,
हो सकता हे वो तुम्हारी मंज़िल ना हो,
उसकी मुस्कुराहट को मोहब्बत ना समझो,
कहीं ये मुस्कुराना उसकी आदत ना हो !
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चाहतों का सफर जब खत्म होता है,
हकीकत में जिंदगी तभी शुरू होती है !
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चलो अपनी चाहतें नीलाम करते हैं,
मोहब्बत का सौदा सरे आम करते है,
तुम अपना साथ हमारे नाम कर दो,
हम अपनी ज़िन्दगी तुम्हारे नाम करते हैं।
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अकेले वारिस हो तुम,
मेरी बेशुमार चाहतों के !
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इंसान की चाहत कि उङने को पर मिले,
और परिंदे सोचते है कि रहने को घर मिले !
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दर्द की चाहत किसे होती है मेरे यारो,
ये तो मोहब्बत के साथ मुफ़्त में मिलता है !
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तू चाहत है तू जरूरत है तू इबादत है तू,
मजहब है खुदा क्यों हो नाराज़ हमसे ये,
उसकी ही बनाई मोहब्बत है !
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कुछ तो है कहीं ये जो थोड़ा प्यार-सा है,
नशा है तेरा चाहत या इक ख़ुमार-सा है !
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रिहा कर ख़ूबसूरत दिखने की चाहत से,
मुझे ऐ आईने तू मेरी सादगी को ज़मानत,
दे दे !
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तुझे प्यार करते हैं करते रहेंगे कि दिल,
बनके दिल में धड़कते रहेंगे तेरा नाम,
ले-ले के जीते रहेंगे तेरा नाम ले-ले के,
मरते रहेंगे !
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तुमसे इश्क की चाहत में सब कुछ सहे जा,
रहे है मोहब्बत के अल्फ़ाज समंदर में बहे,
जा रहे है !
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तेरी चाहत तो मुक़द्दर है मिले न मिले,
राहत ज़रूर मिल जाती है तुझे अपना,
सोच कर !
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तेरी चाहत में हम रुस्वा सर-ए-बाजार हो,
गए हमने ही दिल खोया हम ही गुनहगार,
हो गए !
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मेरी चाहत का एहसास भी ना होगा उसे,
उसकी हर अदा पसन्द आई बेवफाई के,
सिवा !
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वादे वफ़ा के और चाहत जिस्म की,
अगर ये मोहब्बत है तो फिर हवस किसे,
कहते है !
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उनकी चाहत में हम कुछ यूँ बँधे है,
वो साथ भी नही और हम अकेले भी नही !
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