Izzhar Hindi Shayari



Izzhar Hindi Shayari is a heartfelt collection of shayaris that beautifully express unspoken feelings and emotions of love, longing, and affection. Whether you're confessing your love, revealing your emotions, or opening up your heart to someone special, these poetic lines help you say it all with grace and depth. Perfect for romantic moments, proposals, or simply expressing your truth, Izzhar Shayari captures the magic of emotional expression through soulful words in Hindi.


तुमसे इजहार-ए-इश्क कर तो दूं,
मगर डरती हूं कही तुम्हे खो ना दूं !


कुछ तो बात होगी इश्क में,
वरना यूं ही कोई गैर अपनों,
से इतना करीब नही होता..!


जब भी मैं प्यार की,
कोई बात करता हूं,
समझ लो मैं उससे,
इजहार करता हूं..!


माना मुश्किल है मेरे लिए,
इजहार-ए-मोहब्बत,
और है तुम्हें भी चाहत,
तो यह खता तुम भी,
तो कर सकती हो..!


उनके इजहार पर इंकार कर बैठे,
देख कर आज कल की मोहब्बत,
उनकी मोहब्बत पर सवाल कर बैठे..!


प्यार का इजहार था मुझे,
कोई नया ख्वाब दे गई,
पढ़ने को ली जब किताब,
रखकर उसमें गुलाब दे गई..!


उनकी ये ख़्वाहिश है हम जुबां से,
इज़हार करे हमारी ये आरज़ू है,
वो दिल की जुबां समझ ले !!


एक ख्वाहिश सिरहाने रख दो ना,
आज मुझ पे तुम इनायत कर दो ना,
ज़रा ख़ामोशी से तुम इजहार-ऐ-मोहब्बत,
कर दो ना !!


तरस रहे हैं बड़ी मुद्दतों से हम,
अपनी मोहब्बत का इज़हार लिख दो,
दीवाने हो जाएँ जिसे पढ़ के हम,
कुछ ऐसा तुम एक बार लिख दो !!


चलो आज खामोश प्यार को एक नाम दे दे,
अपनी मोहब्बत को एक प्यारा इंजाम दे दे,
इससे पहले की कही रूठ ना जाए मौसम,
अपने धडकते हुए अरमानों को,
सुरमई शाम दे दे !!


इश्क़ वही है जो हो एकतरफा हो,
इज़हार-ऐ-इश्क़ तो ख्वाहिश बन जाती है,
है अगर मोहब्बत तो आँखों में पढ़ लो ज़ुबान,
से इज़हार तो नुमाइश बन जाती है !!


जब से तुमको देखा है चारों ओर छाए,
हो तुम हीं तुम अब बस यही तमन्ना है,
सदा के लिए मेरे बन जाओ तुम !!


कब उनकी आँखों से इज़हार होगा,
दिल के किसी कोने में हमारे लिए प्यार होगा,
गुज़र रही है रात उनकी याद में,
कभी तो उनको भी हमारा इंतज़ार होगा !!


उन को चाहना मेरी मोहब्बत है,
उन्हें कह न पाना मेरी मजबूरी है,
वो खुद क्यों नही समझता मेरे दिल की बात को,
क्या प्यार का इज़हार करना ज़रूरी है !!


वो सज़दा ही क्या जिसमे सर उठाने,
का होश रहे इज़हार-ए-इश्क़ का मजा तब,
जब मैं बेचैन रहूँ और तू ख़ामोश रहे !!


म में हँसने वाले को रूलाया नहीं जाता,
लहरों से पानी को हटाया नहीं जाता,
होने वाले हो जाते हैं खुद ही अपने,
किसी को कहकर अपना बनाया नहीं जाता !!


तेरी मोहब्बत को तो पलकों पर सजायेंगे,
मर कर भी हर रस्म हम निभायेंगे,
देने को तो कुछ भी नहीं है मेरे पास,
मगर तेरी ख़ुशी मांगने हम खुदा,
तक भी जायेंगे !!


कसूर तो था इन निगाहों का,
जो चुपके से उनका दीदार कर बैठी,
हमने तो खामोश रहने की ठानी थी,
पर बेवफा जुबान इज़हार कर बैठी !!


मेरा दिल आसमाँ उसमें बसा चाँद,
हो तुम तुमको क्या पता कब से,
मेरी जान हो तुम !!


तेरी Lovely आँखों ने,
मुझपे ऐसा Effect किया,
की दिल ने सबको छोड़ के,
तुझको ही Select किया !!


चाह कर भी इश्क़-ए-इज़हार जो,
हम कर ना सके,
हमारी ख़ामोशी पढ़ लो तुम और,
क़ुबूल कर लो हमें !!


आँखों का काजल जुल्फों का गजरा,
बना लिया खुश्बू की तरह हमने,
तुमको दिल में बसा लिया !!


रूठना मत कभी हमें मनाना नहीं,
आता दूर नहीं जाना हमें बुलाना नहीं,
आता तुम भूल जाओ हमें यह तुम्हारी मर्ज़ी है,
हम क्या करें हमें भुलाना नहीं आता !!


तेरी आवाज़ से प्यार है हमें,
इतना इज़हार हम कर नहीं सकते,
हमारे लिए तू उस खुदा की तरह है,
जिसका दीदार हम कर नहीं सकते !!


तेरे हर गम को अपना बना लूँ,
आजा तुझे अपनी पलकों में छिपा लूँ !!


और इतनी भी उदासी किस काम की,
थोड़ा इश्क़ करलो वरना जिंदगी,
किस काम की !!


हयात को तेरा दुश्वार किस तरह करता,
मैं तुझ से प्यार का इज़हार किस तरह करता !!


चलो इश्क के दरिया में डूब जाएं तुम तुम न रहो,
मैं मैं न रहूँ हम दोनों अब एक हो जाएं !!


रूठना अगर तुम्हारी आदत है,
तो तुम्हें मनाना मेरा कर्तव्य है,
तुम हजा़र बार रूठोगी,
तो मैं लाखों बार मनाऊंगा !!


इज़हार-ऐ-याद कहूँ या पूछूँ,
हाल-ऐ-दिल उनका,
ऐ दिल कुछ तो बहाना बता,
उनसे बात करने का !!


मोहब्बत का कभी इज़हार करना ही नहीं आया,
मेरी कश्ती को दरिया पार करना ही नहीं आया !!


ना दूर रहने से रिश्ते टूट जाते हैं,
ना पास रहने से जुड़ जाते हैं,
यह तो एहसास के पक्के धागे हैं,
जो याद करने से और मजबूत हो जाते हैं !!


हैं सौ तरीक़े और भी ऐ बे-क़रार दिल,
इज़हार-ए-शिकवा शिकवे के अंदाज़ में न हो !!


तेरी आँखो का इज़हार मै पढ़ सकता हूँ,
पगली किसी को अलविदा युँ,
मुस्कुराकर नहीं कहते !!


कोई ख्वाइश कोई इज़हार बाकी है,
तुझसे जुडा इंतज़ार बाकी है सांसो,
का छूट जाना तो मुक़द्दर है मगर,
मेरा ज़िन्दगी से कुछ करार बाकी है !!


दिल की आवाज़ को इज़हार कहते है,
झुकी निगाह को इकरार कहते है,
सिर्फ पाने का नाम इश्क नहीं,
कुछ खोने को भी प्यार कहते है !!


यार बता दे ज़रा कैसे करुँ मेँ,
इजहार-ए-ईश्क,
शायरी वोह समझती नहीँ और,
अदाए हमें आती नहीँ !!


ना मेरा कभी रूठना और ना कभी,
तेरा मनाना ही हम दोनों की मोहब्बत,
को कम कर गया !!


अच्छा करते है वो लोग,
जो मोहब्बत का इज़हार नही करते,
खामोशी से मर जाते है,
मगर किसी को बदनाम नही करते !!


दिल का हाल बताना नही आता,
हमे ऐसे किसी को तड़पाना नही आता,
सुनना तो चाहतें हैं हम उनकी आवाज़ को,
पर हमे कोई बात करने का बहाना नही आता !!


किसी भी तरह वो इज़हार तो करे इक बार,
नज़र से कह के ज़ुबाँ से भले मुकर जाये !!


ये कहना था उन से मोहब्बत है मुझ को,
ये कहने में मुझ को ज़माने लगे हैं !!


प्यार में कैसे कोई सुधबुध खो देता,
तुमको देखकर जाना हमें जब से इश्क हुआ,
तब से खुदा से सिर्फ तुमको हीं माँगा हमने !!


फिर न सिमटेगी मोहब्बत जो बिखर जायेगी,
जिंदगी जुल्फ नहीं जो फिर सवंर जायेगी,
थाम लो हाथ उसका जो प्यार करे तुमसे,
ये जिंदगी ठहरेगी नहीं जो गुजर जायेगी !!


किसी भी तरह वो इज़हार तो करे इक बार,
नज़र से कह के ज़ुबाँ से भले मुकर जाये !!


दिल ये मेरा तुमसे प्यार करना चाहता है,
अपनी मोहब्बत का इज़हार करना चाहता है,
देखा है जब से तुम्हें मैंने मेरे सनम,
सिर्फ तुम्हारा दीदार करने को दिल चाहता हैं !!


सफर लम्बा था जिंदगी का,
और तुम मिल गए भरी दुनिया में,
मैं तन्हा था और तुम मिल गए !!


उन्होने अपने लबो से लगाया और छोड़ दिया,
वे बोले इतना जहर काफी है तेरी,
कतरा-कतरा मौत के लिए !!


हमें चाँद जैसा चहेरा देखने की इज़ाज़त दे दो,
हमें एक प्यारी सी शाम सजाने की इज़ाज़त दे दो,
हमें कैद करलो आपकी मोहब्बत की जाल में,
या हमें आपको मोहब्बत करने की इज़ाज़त दे दो !!


हमने हमारे इश्क का इजहार यूं किया,
फूलों से तेरा नाम पत्थरों पे लिख दिया !!


मेरी फितरत में नहीं अपने ग़म का इज़हार,
करना अगर उसके वजूद का हिस्सा हूँ मैं,
तो खुद महसूस करे वो तकलीफ मेरी !!


तुझसे मैं इज़हार-ए-मोहब्बत,
इसलिए भी नहीं करता सुना है बरसने,
के बाद बादल की अहमियत नहीं रहती !!


लोग पूछते हैं हमसे,
कि तुम अपने प्यार का इज़हार क्यों नहीं करते,
तो हमने कहा जो लफ़्ज़ों में बयां हो जाए,
हम उनसे प्यार उतना नहीं करते !!


तमन्ना है मेरे दिल की सनम एक बार हो जाये,
जाते जाते दुनिया से तेरा दीदार हो जाये,
मोहब्बत मैं भी करती हूँ मोहब्बत तुम भी करते हो,
ज़माने से है क्या डरना चलो इज़हार हो जाये !!


ये बाहें हमें जब अपनी पनाहों में बुलाती है,
हमें अपनी कसम हम हर सहारा भूल जाते है !!


ग़म का इज़हार भी करने नहीं देती दुनिया,
और मरता हूँ तो मरने नहीं देती दुनिया !!


बड़ी मुश्किल में हूँ कैसे इज़हार करूँ,
वो तो खुशबु है उसे कैसे गिरफ्तार करूँ,
उसकी मोहब्बत पर मेरा हक़ नहीं लेकिन,
दिल करता है आखिरी सांस तक,
उसका इंतज़ार करूँ !!


जब से बसे हो निगाहों में नजर कुछ,
और आता हीं नहीं दीवानगी का आलम,
तो देखिए तुझ बिन रहा जाता नहीं !!


यह और बात है कि इज़हार नहीं होता,
वरना प्यार तुमसे बे-शुमार करते हैं !!


हम अपने प्यार का इज़हार इसलिए नहीं करते,
क्यूंकि हम उनकी हाँ या ना से डरते है,
अगर उन्हों ने कर दी हाँ तो ख़ुशी से मर जायेंगे,
और कर दी ना तो रो-रो कर मर जायेंगे !!


फूलों पर जैसे पड़ती बारिश की बौछार है,
चमकने को जैसे फूल भी तैयार है,
उसी तरह मेरा दिल भी बेकरार है,
तु ही बता में क्यु ना कहु की,
तुझसे कितना प्यार है !!


कुछ दूर मेरे साथ चलो हम सारी,
कहानी कह देंगे समझो न तुम जिसे,
आँखों से वो बात मुँह जुबानी कह देंगे !!


हक़ीकत कह नहीं पाती ज़ुबाँ मेरी,
सहमा रहता हूँ मैं वक्त की मार से,
नहीं पढ़ने देता मैं ख़ुद की नज़रें,
डरा रहता हूँ मैं उनके इज़हार से !!


तेरा चेहरा तेरी बातें तेरी यादें,
इतनी दौलत पहले कहाँ थी पास मेरे !!


कमी है बहुत मुझमें,
ये हम जानते है,
किसी और की नहीं बस,
अपने दिल की मानते है !!


दिल लुट जाने का इज़हार ज़रूरी तो नही,
ये तमाशा सर-ए-बाज़ार ज़रूरी तो नही !!


दोस्ती हैं तो साँसे हैं,
दोस्ती हैं तो ख़ुशियाँ हैं,
अगर नहीं हैं दोस्त का साथ,
तो आप एक ज़िंदा-लाश हैं !!


जो कभी ना बोला,
आज वो बात कहता हूँ,
आज मैं इज़हार करता हूँ,
मैं तुमसे प्यार करता हूँ !!


प्यार क्या है न पूछो तुम मुझसे,
क्या बताने से मान जाओ गए,
यूं बताने से फायदा भी नहीं,
कर के भी देखो तो जान जाओ गए !!


तेरी रजा रहे और तू ही तू रहे,
बाकी न मैं रहूँ न मेरी आरजू रहे,
जब तक कि तन में जान रगों मे लहू रहे,
बस तेरा हो जिक्र या तेरी जुस्तजू रहे !!


मोहब्बत उसको मिलती हे जिनका नसीब होता हे,
बहुत कम हांथो मे ये मोहब्बत की लकीर होती हे,
कभी कोई अपनी मोहब्बत से ना बिछड़े,
कसम से ऐसे हालत मे बहुत तक़लीफ़ होती हे !!